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(गीता-25) तीन धर्म जिन पर कभी नहीं चलना (स्वधर्म पहचानिए) || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2023)

2024-09-03 0 Dailymotion

‍♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं?<br />लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir...<br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?<br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?...<br /><br />➖➖➖➖➖➖<br /><br />#acharyaprashant #gita #geeta #krishna #dharma <br /><br />वीडियो जानकारी: 26.10.23, गीता समागम, ग्रेटर नॉएडा<br /><br />प्रसंग: <br />श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात् ।<br />स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः ॥ <br /><br />सुंदर रूप से अनुष्ठित परधर्म की अपेक्षा गुणरहित होने पर भी निजधर्म श्रेष्ठतर है। अपने धर्म के पालन में मृत्यु भी कल्याणकारी है, दूसरों का धर्म भययुक्त या हानिकारक है।<br /><br />~ श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय 3, श्लोक 35)<br /><br /><br />~ स्वधर्म क्या है?<br />~ परधर्म क्या है?<br />~ स्वभाव क्या है हमारा? <br />~ आज तक हम किन तीन ताकतों के प्रभाव में निर्णय लेते आ रहे हैं?<br />~ कर्म क्या है?<br /><br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~

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